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Love

  बैठा हूँ उसी छत के कोने में, जहां कभी हम दोनों बैठा करते थे। वो चांद, वो सितारे, आज भी वहीं हैं, पर अब उनकी रौशनी कुछ फीकी लगती है.. तब कुछ बातें तुम्हारी होती थीं, और हम हल्के से मुस्कुरा देते थे.. तुम्हारी आंखों में शर्म का वो प्यारा सा एहसास, अब सिर्फ एक याद बनकर रह गया है.. वो चांद अब भी वही है, पर उसकी चांदनी में वो पहले सी चमक नहीं.. तारों की टोली भी अब कुछ अधूरी लगती है, जैसे हमारे रिश्ते की तरह कुछ कम हो गई हो.. कभी ये जगह हमें सुकून देती थी, अब बस यादों का भार लिए चुपचाप खामोश खड़ी है.. जहां कभी बातें होती थीं,वहा अब बस ख़ामोशियाँ घिरी रहती हैं.. यादों की गीली लकड़ियाँ, मन के किसी कोने में धीमे-धीमे सुलगती रहती हैं वो ठंडी आहटें अब भी हैं, पर वो गर्मी जो दिल को छूती थी, कहीं खो गई है आंखें अब पसीजती नहीं, वो आंसू भी शायद थक गए है.. बस एक भारीपन है, जो इस जगह से निकलने का नाम ही नहीं लेता.. अब इस छत पर आना, सुकून कम और दर्द ज़्यादा देता है.. वो समय तो बीत गया, पर यादें आज भी यहां की हर ईंट में बसी हैं.. शायद, कुछ चीज़ें वैसे ही रह जाती हैं— मद्धम, अधूरी, जिन्हें समय भी बदल नह

मेरी कहानी.....

☆☆मेरी एक  कहानी ☆☆
☆☆ सुनो मेरी ही जुबानी ☆☆

☆☆बहुत खुश हूँ मैं फिर भी ☆☆
☆☆बहता है आँखो से पानी ☆☆

☆☆उदासी ओढ़े  और अकेला हूँ ☆☆
☆☆ पर चेहरा है नूरानी ☆☆

☆☆दिल मे ढेरो जख्मों को सहेजे☆☆
☆☆खुशिया बाटता हूं ☆☆

☆☆गर कोई हो उदास तो☆☆
☆☆ उसके लबों पर हंसी लाता हूं ☆☆

☆☆मेरी चाहत है बस यही ☆☆
☆☆बस अपनो का मिले प्यार ☆☆

☆☆मेरी किस्मत में नहीं था☆☆
☆☆ये मेरे नसीब की मेहरबानी ☆☆

☆☆बहुत कुछ पाया है☆☆
☆☆ तो खोया भी बहुत कुछ है ☆☆

☆☆बस गमों और दर्दो में अक्सर ☆☆
☆☆बहता आंखो से थोड़ा पानी ☆☆

☆☆लाख मिटा लूं अपने जख्मों को पर☆☆
☆☆बीते दिनों की रह जाती है निशानी☆☆☆

Comments

  1. लाख मिटा लूं अपने जख्मों को पर
    बीते दिनों की रह जाती है निशानी. ✍️💕❤️

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