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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

मेरी कहानी.....

☆☆मेरी एक  कहानी ☆☆
☆☆ सुनो मेरी ही जुबानी ☆☆

☆☆बहुत खुश हूँ मैं फिर भी ☆☆
☆☆बहता है आँखो से पानी ☆☆

☆☆उदासी ओढ़े  और अकेला हूँ ☆☆
☆☆ पर चेहरा है नूरानी ☆☆

☆☆दिल मे ढेरो जख्मों को सहेजे☆☆
☆☆खुशिया बाटता हूं ☆☆

☆☆गर कोई हो उदास तो☆☆
☆☆ उसके लबों पर हंसी लाता हूं ☆☆

☆☆मेरी चाहत है बस यही ☆☆
☆☆बस अपनो का मिले प्यार ☆☆

☆☆मेरी किस्मत में नहीं था☆☆
☆☆ये मेरे नसीब की मेहरबानी ☆☆

☆☆बहुत कुछ पाया है☆☆
☆☆ तो खोया भी बहुत कुछ है ☆☆

☆☆बस गमों और दर्दो में अक्सर ☆☆
☆☆बहता आंखो से थोड़ा पानी ☆☆

☆☆लाख मिटा लूं अपने जख्मों को पर☆☆
☆☆बीते दिनों की रह जाती है निशानी☆☆☆

Comments

  1. लाख मिटा लूं अपने जख्मों को पर
    बीते दिनों की रह जाती है निशानी. ✍️💕❤️

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