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Dear December ❣️

 डियर दिसंबर, तुमसे इश्क़ क्यों है, ये बताना आसान नहीं ..तुम्हारे आते ही नए साल की गिनती शुरू हो जाती है,पर मेरे लिए तुम सिर्फ एक महीना या तारीख नहीं, एक दरवाजा हो—नए सफर, नई कहानियों और नए रास्तों का जो मेरी मंजिलों के और भी मुझे करीब लेकर जाता है ... तुम्हारी ठंडी हवाएं जब चेहरे को छूती हैं, लगता है जैसे पुराने गमों को उड़ाकर ले जा रही हो.. हर बार उसी मलबे में एक नई राह दिखाई है.. शायद इसलिए मैं तुम्हें हर बार एक उम्मीद की तरह देखती हूं.. तुम्हारे आते ही पेड़ों से गिरते पत्ते मुझे सिखाते हैं, कि कुछ छोड़ देना भी जरूरी होता है आगे बढ़ने के लिए.. तुम्हारी शफ्फाक शामों में, जब सूरज धीमे-धीमे डूबता है, मैं खुद को तुम्हारी गोद में एक बच्ची की तरह पाती हूं.. सहमी हुई, पर भरोसे से भरी...तुम्हारे साथ मैं अपना सारा बोझ हल्का कर देती हूं...तुम्हारी दस्तक हमेशा रहती है, एक दुआ की तरह, एक बदलाव की तरह.. तुम्हारी रूह की सर्दियों में जीते हुए, गुजरे हुए साल के लम्हों को फिर से जीती हूं ... ताकी इस गुजरे हुए साल की यादें छोड़कर आगे नए साल में बढ़ पाऊं .. नई उम्मीदों के साथ .. कुछ साथी जो साथ चल...

Coffee....

Hii ऐसे कोई अकेले बैठकर कॉफी पिता है , उसने शर्ट की बाजू फोल्ड करते हुए पूछा ..

क्यों, किसी के साथ कॉफी पीने से कॉफी का टेस्ट बदल जाता है ?
इसने कॉफी का कप टेबल पर रखते हुए पूछा...

"जब एक दिलकश हमसफ़र मिलने पर जिंदगी का टेस्ट बदल जाता है तो कॉफी क्या चीज है".
हां ! लेकिन साथी ठीक ना हो तो टेस्ट बिगड़ भी तो जाता है..!! अपना बैग उठाते हुए वो बोली

अरे ..! कहा चल दी अभी तो मैंने कॉफी शुरू की है ..

हां .. क्या पता तुम्हारी कॉफी का टेस्ट खराब कर दू.. !

"क्या पता एक खराब कॉफी से मेरे जिंदगी का टेस्ट सही हो जाए"

और ......

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