Skip to main content

Featured

तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Aaj jane ki jid na karo

अक्सर कई गानों में, कई सारी ग़जलो में मोहब्बत मिल जाती हैं। मैं जब तुम्हे ढूंढती हूँ, असल दुनियाँ के बाहर तो तुम मुझे वहां मिल जाते हो मैने हमेशा तुम्हे वहां अपने करीब पाया है..

और जब जब तुम मिले हो मुझे वहाँ तो फिर क्या फर्क पड़ता हैं, क्या असल हैं और क्या नकल?

और सच में तुम मिले हो कई मर्तबा।

फिर जब तुम मिल जाओ तो तुम्हे जाने क्यूँ दू मैं? इसलिए लूप में सुनती जाती हूँ उन गानों को, उन ग़जलो को।

और बैठाये रखती हूँ तुम्हे..अपने पास उन गानों के साथ ,गजलों के साथ....
आज_जाने_की_जिद्द_ना_करो

Comments

Popular Posts