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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Jindagi calling

मालूम है जब ....जीने लगोगे अपने तरीके से जिंदगी को ...आपकी हरकते अजीब होंगी और लोग नोटिस करेंगे कि तुम पागलो की सी तो कभी बच्चों की सी  हरकत कर रहे हो । अब लोगो का काम है कहना तो वो क्यो न कहे ? पर क्या आपको अपना काम छोड़ देना चाहिए ।
देखे होंगे  ऐसे लोग भी जो भरी तन्हाई में भी खुद से बड़बड़ा रहे होंगे या फिर अजीबोगरीब हरकत करते है। असलियत में वे अपना ध्यान कहि ओर लगा रहे होते है ,ओर हम उनको मूर्ख ओर पागल समझने की गलती कर देते है । समस्या ये है कि हमने अपने आप को इतना बड़ा बना रखा है कि लोग क्या सोचेंगे?बस यही सोचते रहते है और लोग कुछ नही सोचते ऐसा संभव ही नही है । काश एक दिन ऐसा भी  मनाया जाता वेलेंटाइन ओर फ्रेंडशिप डे की तरह बच्चे बनने का जिस दिन सब लोग बच्चे बनकर  रहेंगे और हरकत भी ।शायद मज़ा आ जाता । ..
जिम्मेदारियों के बोझ को कुछ पल उतारकर एक जगह रख भी दिया करो ...
बस ..जी लो  जिंदगी ।
#कुछ_बाते

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