Skip to main content

Featured

तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Marriage...

भारत में लड़कियों की शादियाँ नहीं होतीं
वो सुपुर्द कर दी जाती हैं एक नर को
ठीक उसी तरह जैसे बिना देखे,उलटे रखे
ताश के पत्तों पर दांव लगा दिया जाता है

और शादी के अगले ही दिन वो शोख लड़कियाँ
तब्दील हो जाती हैं ज़िम्मेदार औरतों में जो अपने सुहागन होने की तमाम निशानियाँ ओढ़े सुबह से शाम तक चिपक जाती हैं हर घड़ी
एक नयी ज़िम्मेदारी से..

माँ के घर में बेतकल्लुफी से कहीं भी फ़ैल जाने वाली वो लड़कीध्यान रखती है कि कहीं छः न बज जाएँ नहीं तो एक और उलाहना जुड़ जाएगा उसकी रोज़मर्रा की जिंदगी में ..
अभी तो वैसे ही बहुत हिसाब देना है कि बाप के यहाँ से क्या सीख आई है और ये ताने वही औरतें उछालती हैं, जो कल तक लड़कियाँ थीं.. किसी और घर की या फिर वो लड़कियाँ जो औरत बन जायेंगी किसी और घर में हाँ, कुछ नर सुघड़ होते हैं और बहुत बेहतर भी ठीक उन ताश की बाजियों की तरह जो आप जीत जाते हैं

पर उनकी ये अच्छाई भी अहसान होती है उस औरत पर जो अभी भी अपने अन्दर उस लड़की को जिलाए हुए है

जो मायके से चलकर साथ आई थी..!!


Comments

Popular Posts