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कुछ अनकही बातें
मैं उन लड़कियों में से हूँ जिन्हें कोई फर्क नही पड़ता कोई उनके बारे में क्या सोच रख रहा हैं...!
जिन्हें दुनियां से इत्तर काम करने का जुनून होता हैं,जो चल कर साथ किसी के आसमां को छूना चाहती हैं...जो हार जाती हैं प्रेम खोजते हुए,लेकिन वो इंतज़ार करना नही छोड़ती..जिन्हें खोज होती हैं थोड़े से प्रेम की,एक बच्चे की सच्ची हंसी की तरह जो सच्चा हो..!
मै उन लड़कियों में से हूं जो रोकती है खुद को इस भँवर में जाने से,क्योंकि कई जिम्मेदारियां उन्हें प्रेम करने नही देती...जिन्हें दुख है की वो कुदरत द्वारा बाहरी खूबसूरती से नवाज़ी नही गयी है ,लेकिन खुशी हैं की वो सबकी बातों में खूबसूरती ढूंढती हैं
जो ताकती हैं राह एक सच्चे मुसाफिर की कई कच्चे से ख्वाब लिए अपनी सादी आँखो में, इसलिए की वो शुरू कर सके साथ मुस्कुराने का सफर..!
वो लड़कियां आज भी जिंदा हैं ,हाँ बिल्कुल ऐसी सोच की समर्पित लड़कियाँ आज भी जिंदा हैं इस कारोबारी दुनियां में...!
टूटा हुआ होता है मन उनका कांच की तरह ,उसमें भी वो अपने कई चेहरे बना रही होती है..ताकि जिंदा रखे खुद को दफ्न करने के लिए!
वे करती हैं एक लम्बा इंतेज़ार इस दौर के खत्म होने का..ताकि वो प्रेम के इस कारोबार में न जाकर
इंतज़ार करते हुए खत्म हो जाएं..!
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