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शिव आज फिर से तुम्हारी यादे घिर आई है नही पता की क्यों हम आपको भूल नही पाते .. जानते हो शिव किसने हमसे पूछा था प्रेम के बारे में तब हमने कहा था प्रेम कभी एक या दो बार नही होता प्रेम तो वो होता है जिसके बाद फिर दुबारा न हुआ हो आप ना बस वही प्रेम हो मेरा.. मेरी डायरी के हर पन्ने पर बसा मेरी हर सांस में बसा .. कभी कभी बहुत गुस्सा आता आप पर शिव आपको जिंदगी कहा था हमने और आप हमे मौत देकर चले गए ... याद है हम इसी महीने में मिले थे
हां आप ना आज की तुलना में,मुझे कल अधिक पसंद थे तब आप मेरा आज थे .. और कल भी ..
अब जब पीछे मुड़कर देखती हूं तो आप हमारे अतीत बनते जा रहे हो जो बार बार अपना अस्तिव मेरे आज में जताता है ..शिव हम थक गए है इस आज और अतीत की लड़ाई से और इसीलिए मैंने आपको अतीत में रखना चुना है, क्योंकि जितना अधिक मैं भविष्य में आपको ढूंढती हूँ, उतना ही यह मुझे पीछे ढकेलता है ..
हमारा प्रेम वो है जिसका समाज में कभी ज़िक्र कभी नही किया जाता.. और जब वह प्रेम दूर हो जाता है, तो जैसे हमसे हमारा एक हिस्सा भी दूर हो जाता है, और फिर पसर जाती है बेचैनी,शरीर के हर हिस्से हमारे हर किस्से में तब हम जान पाते हैं कि अपने दिल के कुछ हिस्से हम जानबूझकर कुछ लोगों,और जगहों को सौंप देते हैं .. और हम ये भी जानते ही की अब वो अपने ही हिस्से हमें कभी नहीं मिलेंगे, और उन हिस्सों को दूर जाता देख यह दर्द और बढ़ जाता है.. कितना दर्दनाक होता है खुद को यूं हिस्सों में बांट देना ... आप तो हमे ही हमसे ले गए और खुद रह गए यही आस पास कही ..मैंने अपने दिल के उस हिस्से पर तुरपाई और पट्टी कर दी है,आपकी यादो से और वही आपकी मुस्कुराती हुई तस्वीर से ..और इसलिए मैंने अब आपको वही सम्भाल के रखना चुना है ..
सुनो आप हमेशा वहीं रहोगे …मेरे उस आप वाले हिस्से में
मेरे अस्तित्व तक ..!
सुन रहे हो ना शिव ...!!
~आपकी
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