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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

कुछ अनकही बाते

अंदर से मर जाना पता है ..? 

हां हम बस अब अंदर से मर चुके है .. और शिव आप हो इसकी वजह .. क्या बिगाड़ा था मैने .. एक लड़की जिसका सपना बस प्रेम था उसे बिखेर दिया आपने .. आपको पता है अब मेरे अंदर का प्रेम मर चूका है .. पहले प्रेम लिखते थे हम अब लिख नही पाते . .. जैसे अंदर से सब कुछ खत्म हो गया है यूं लगाता 

मै कई चीज़ों से सिर्फ़ इसलिए भागती हूं क्योंकि उनके साथ आपकी यादें जुड़ी है .. प्रेम भी उनमें से एक है .. हां अब प्रेम से हम दूर ही रहते और अगर आप देखो मेरे लिखे हुए को तो इसका अंदाजा आपको आ जायेगा ..ऐसा नहीं मैंने आगे बढ जाने की कोशिश नही की.. मैंने न जाने कितने ही गाने सुनने बंद कर दिए जो मुझे आपकी दिलाते थे, वो गाने गुनगुनाने बंद कर दिए जिनमें से आपकी आवाज़ की ख़ुशबू आती थी..पर हर बार में नाकामयाब रही ... खुद को कैद कर लिया है मैने समझ नहीं आ रहा क्या करू .. कैसे भुला दू आपको 

मैंने आपकी यादों को ख़ुद के कई हिस्सों से जोड़ दिया, जिन्हें आपके साथ ही रुख़सत हो जाना चाहिए था..!!
पर आप दिन ब दिन मुझ में घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे   ...
किसी दिन मिलोगे तो जरूर पूछ लेंगे आपसे की कहो ना 

आगे कैसे बढ़ा जाता है.. !!
 हम तो पता नहीं आप पर ही ठहर गए हैं .. आज भी आपका नाम दिल दिन में सौ बार लेता है और आज भी आप पास महसूस होते हो ..!!


Comments

  1. प्रेमी बिछड़ने के बाद रोम रोम में प्रेम होता है। आत्मा 💕 ईश्वर

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