अक्सर जब भर जाता है मन अनगिनत सवालों और यादों के शोर से, और चीख निकल नहीं पाती बाहर, तो बैठ जाती हूं कानों में इयरफोन लगाकर लाउड म्यूजिक के पीछे अंदर का शोर दबाए..फिर कुछ इस तरह चल पड़ता है सिलसिला सवालों और कल्पनाओं का कि खो जाती हूं खुद भी कानों में चल रहे संगीत के सुरों के बीच..
यूंही गुजर जाते हैं घंटों अपने ही ख्यालों में डूबे और जब हार जाती हूं खुद से ही लड़ते-लड़ते तो रो पड़ती हूं कभी खुद को कभी वक्त को कोसते.. क्यों हमने विश्वास किया तुम पर नही पता .. जिंदगी अब बस बोझ सी बन गई है ..
ना जाने कितने ही दिन गुजारे हैं मैंने यूंही खुद अपने ख्यालों से जूझते जूझते अब तो आदत-सी हो गई है इस शोर और खामोशी के बीच छिड़ी जंग लड़ने की.. अंदर एक अजीब सा सवालों का और कहने का शोर है तो बाहर से एक गहरी खामोशी .. मैं अब चाहती हूं बस यही जो खामोशी अंदर है वो बाहर से भी आ जाए हमेशा के लिए हम अपनी चीखे , अपना सब कुछ अब दफनाना चाहते है ..और उसे फिर चुप हो जाना चाहते है हमेशा के लिए ..!
काश सच में हम खामोश हो जाए हमेशा का लिए ...!!
~ महादेव
Mera Pyar to Kabhi Bhi Na Kum Hoga nahi Kabhi Khatam Hoga. Me Apani Radhika Se Anant Prem karata Hun. 💕 Karata Rahunga Chahe Paristhiti kasi bhi ho.
ReplyDeleteIshwar Dil ka Haal janate hai. 💕❤️♥️