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शिकायते
बिना शिकायत, झगड़ा किए मै ईश्वर से प्रार्थना नहीं कर पाती, और तुम्हें क्या लगता है बिना किसी शिकायत के, लड़ाई किए बिना प्रेम करेंगे हो ...
सुनो किसी से प्रेम हो जाना उसके अच्छे–बुरे होने पर निर्भर नहीं करता, या बहुत सब बस मीठी मीठी बातो से प्रेम नहीं होता वो तो बस होता है ..सुनो किसी से प्रेम हो जाना उसके अच्छे–बुरे होने पर निर्भर नहीं करता, या बहुत सब बस मीठी मीठी बातो से प्रेम नहीं होता वो तो बस होता है .. और बढ़ता जाता है प्रेम का अपना विज्ञान है, जिसके नियम अभी खोजे नहीं गए हैं.. जब किसी न्यूटन की सर पर एप्पल की जगह प्रेम में गिरेगा तो शायद प्रेम के भी कुछ नियम आ जाएँ.. या शायद वो अपने सिद्धात भी भूल जाए ... क्या पता ? लेकिन तब तक प्रेम का सिद्घात रहस्य ही रहेगा.. हां लड़ती हूं तुमसे कभी बेवजह तो कभी जलन होने पर ..
और ये लिखते वक्त मैं इमेजिन कर सकती हूं कि तुम क्या कहोगे .. तुम मुझसे पूछ रहे हो कि क्या मतलब है तुम्हारा? तुम पागल हो .और मैं हस कह रही हूं जानती हूं की मैं पागल हूं तो सुनो तुमने शायद ही मेरे जितना confuse प्राणी मैंने नहीं देखा होगा इतने मूड स्विंग्स हैं की मुझे खुद को कभी कभी नहीं पता होता की क्या चाहती हूं ... सुनो प्रेम में शिकायतें कम नहीं हो सकती, मेरे प्रेम के साथ शिकायतें मुफ़्त है मुफ़्त चीजों की एक ख़ासियत होती है पसंद आई तो रख ली जाती है वरना उनसे किनारा कर लिया जाता है..
अच्छा अब सुनो ना कुछ शिकायतों से तुम किनारा कर लो और हमारा प्रेम और हमें अपने पास रख लो ..!
हां सुनो मेरी ना कुछ शिकायतें रसगुल्ले की चाशनी जैसी है जो प्रेम में लिपट कर आयेंगी.. मैं ज्यादा कुछ प्लान नहीं करती मैंने जीवन ईश्वर के भरोसे छोड़ा है, उसपे भी बहुत बिगड़ती हूँ। इन दिनों तो कुछ ज़्यादा ही बिगड़ रही हूँ उसपे। मेरी उससे शिकायतें उसके प्रति आस्था कम नहीं कर सकती। तुम अच्छे हो या बुरे,मालूम नहीं। न्यूटन जब प्रेम में गिरेगा तब गिरेगा, पर मैं प्रेम में हूँ और इसके टैंपरेरी नियम यही हैं कि तुमसे की गयी हर शिकायत के साथ, चिड़चिड़ाहट में तुम्हें तुम्हारी कॉलर से कसके पड़कर कसके चूमा जाए।
बहुत शिकायतों में.....
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haan
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