Skip to main content

Featured

तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Life

जिन्दगी, इसे समझना बहुत मुश्किल है! जब जब समझना शुरू करते हैं, यह और भी ज्यादा उलझती जाती है! 

सही कहते हैं लोग, अगर इसे समझना शुरू किया


तो जीना ही मुश्किल हो जाएगा..
जिंदगी जाने कितने ही चरण पूरे करके, अपने अंत की तरफ बढ़ती है..हमारे जन्म के समय जो चेहरे आस-पास दिखाई देते हैं, वो चेहरे वक्त के साथ खोने लगते हैं...खैर काफी नए चेहरे भी आते हैं इस दरम्यान, लेकिन वो पुराने से चेहरे खूबसूरत सी यादें समेटे होते हैं
यह यकीं करना कितना मुश्किल है, यह दुनियां में फिर कभी भी दिखाई नहीं देंगे...जब भी उनकी याद आएगी, उनकी जगह उनके किस्से जगह बनाएंगे...
खैर, आवागमन प्रकृति की सबसे बड़ी सच्चाई है, 

जो अस्तित्व रखता है उसका अस्तित्वविहीन होना ही नियति है..!!


Life






Comments

Popular Posts