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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

LIFE......

क्यू लेती है जिंदगी इम्तिहान इतने अब तो पास कर दे
हमे इस इम्तिहान मे थक गये हे फेल होते होते …
जा ए जिंदगी इजाजत दे दि तुझे भी
छोड दे हमे अकेला जैसे सबने छोडा है ,
यु रोज रोज तमाशा न बनाया कर हमारा…।
हम कोई कठपुतली नही जो नाचते रहे तेरे इशारे पर
अब तो पैर भी थक गये है नाचते नाचते …।
ना कर इतना सितम के एक दिन
हमे "मौत" से मुहब्बत हो जाये…. 

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