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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Ek rishta....

एक रिश्ता ऐसा भी होता है, जो बस होता है। और उसके वजूद के कारण ही शायद हम जिंदा रह लेते है। वो रिश्ता किसी भी बंधन का शिकार नही है, निर्बंध है। किसी भी शब्दो को मोहताज़ नही है, अकथ्य है।उसे सिर्फ दोस्त नही कह सकते, क्योकि वो दोस्त से कई बढ़ कर है। प्यार नही कह सकते, क्योकि प्यार असीम होता है, और इसे असीम कहना भी गुनाह है।

Comments

  1. Feeling उड़ेल दिया...
    Good going

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    1. शुक्रिया तुम इतना मन लगा के पढ़ रहे हो हमे ...

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  2. True feelings of true love or beyond love

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