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तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

Tumme dubana ....

मुझे डूबना पसंद है इश्क़ में। तुम्हारे रंग में रंगना पसंद है,तुम्हे याद करके रातों को चाँद को तकते रहना पसंद है। मुझे तुम्हारा होना पसंद है, मुझे ख़ुद को तुममें खो देना पसंद है। मुझमें मेरा कुछ भी नही रखना पसंद है।

मुझे तो बस तुम्हारा हो जाना पसंद हैं...
सुनो मेरी आँखों के पीछे कोई हज़ारों ख़्वाब नहीं हैं बस एक छोटा सा सपना हैं,
 मैं और तुम, तुम और मै..!!

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