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Love You
समंदर से इश्क़ में नदी मिटा देती है अपनी मिठास और समा जाती है समंदर में यह जानते हुए कि इसके बाद उसका वजूद बाकी नही रहेगा..ठीक ऐसे ही मैं तुममें घुल गई हूं मैंने तुम्हें समा लिया है अपने भीतर ,अब तुम चाह के भी मुझसे दूर नही हो सकते हो ..मेरे होशोहवास पर तुम्हारा ही कब्ज़ा है ..ये तुम्हारा ही पक्का रंग है जो तुमसे ही छूट कर अब मुझ पर चढ़ गया है.. ऊँची पहाड़ियों पर लंबी पगडंडियों के खूबसूरत सफर के बाद का जो सुकूँ होता है वो तुम हो .. खूबसूरत सफ़र के साथ हमारा हमसफ़र भी साथ मे हो तो बहुत सुकून है दिल चाहता है कि ये सफ़र कभी खत्म न हो और मंज़िल कभी न आये ...
अजीब ही शह है ये इश्क़ भी हमारे जिस्म में किसी और कि रूह को बसा लेती है .. किसी को अपना बनाने से भी ज्यादा सुकून किसी के होने में मिलता है और मुझे ये सुकूँ मिल चुका क्योंकि मुझे पता है मैं तुम्हारी हूँ..तुम्हारे ऐब , तुम्हारे हुनर कोई मायने नही रखते क्योंकि मैंने तुम्हें ऐसे ही चाहा है बिना किसी तब्दीली के .. मेरी तो बस एक ख्वाहिश है कि मेरी आंखरी सांस तुम्हारें होंठो से चूमी जाए और मेरी रूह को तुम्हारी बाहों की छुवन मिले ,मुझे तो बस यही मुक्ति का मार्ग अपनाना है !!
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