Skip to main content

Featured

तुम

 तुम भागते क्यों हो? : डर लगता है? : किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से? : हां शायद ??  : अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ?? : कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की ! चलो मैं जा रहा हूं !  : वापस भाग लिए तुम न ! : क्या मैं न! : कुछ नहीं 

House

हर घर की चारदीवारी में
जबरन दिखती समझदारी में
कोई घुटन दबाये बैठा है
तो कोई टूटे ख्वाब भुलाये बैठा है
फ़िर जीने की झूठी चाहत भी है 
घर की दिखती हालत भी है 
हर मुस्कुराहट के पीछे
वो एक अश्क़ छुपाये बैठा है
गौर से देखो हर चेहरा
वो एक काश दबाये बैठा है...

Comments

Popular Posts