तुम
तुम भागते क्यों हो?
: डर लगता है?
: किस बात का डर लगता है ? मुझसे, या खुद से? प्यार से… या मेरी आँखों में दिखाई देने वाली अपनी परछाई से?
: हां शायद ??
: अच्छा ? अजीब हो तुम…अब तक भीगने का सलीका नहीं आया तुम्हें…बारिश से भी, मोहब्बत से भी ! तुम सोचते हो मैं तुम्हें बाँध लूँगी? है न ??
: कितने सवाल पूछती हो ?? सवालों की पुड़िया कही की !
चलो मैं जा रहा हूं !
: वापस भाग लिए तुम न !
: क्या मैं न!
: कुछ नहीं
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